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  1. धर्मनिरपेक्षता का यूरोपीय मॉडल - secularism in indian constitution in hindi pdf, भारतीय और पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता, संवैधानिक प्रावधान के बारे में जानें!

    • संदर्भ
    • धर्मनिरपेक्षता से तात्पर्य
    • धर्मनिरपेक्षता के संदर्भ में संवैधानिक दृष्टिकोण
    • धर्मनिरपेक्षता का महत्त्व
    • धर्मनिरपेक्षता के सकारात्मक पक्ष
    • धर्मनिरपेक्षता के नकारात्मक पक्ष
    • धर्मनिरपेक्षता के भारतीय व पश्चिमी मॉडल का तुलनात्मक अध्ययन
    • भारतीय धर्मनिरपेक्षता की आलोचना के बिंदु
    • समाधान
    • आगे की राह

    देश के प्रमुख विपक्षी दलों के अनुसार, राम मंदिर भूमि पूजन में प्रधानमंत्री का धार्मिक गतिविधियों में भाग लेना‘प्रधानमंत्री के रूप में ली गई शपथ के साथ-साथ संविधान की मूल संरचना’का भी उल्लंघन है। ध्यातव्य है कि प्रधानमंत्री ने अयोध्‍या में भूमि पूजन कर‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’का शिलान्यास किया और कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय एकता व भावना का प्रतीक है ...

    धर्मनिरपेक्षता का अर्थ किसी के धर्म का विरोध करना नहीं है बल्कि सभी को अपने धार्मिक विश्वासों एवं मान्यताओं को पूरी आज़ादी से मानने की छूट देता है।
    धर्मनिरपेक्ष राज्य में उस व्यक्ति का भी सम्मान होता है जो किसी भी धर्म को नहीं मानता है।
    धर्मनिरपेक्षता के संदर्भ में धर्म, व्यक्ति का नितांत निजी मामला है, जिसमे राज्य तब तक हस्तक्षेप नहीं करता जब तक कि विभिन्न धर्मों की मूल धारणाओं में आपस में टकराव की स्थिति उत्पन्न न हो।
    भारतीय परिप्रेक्ष्य में संविधान के निर्माण के समय से ही इसमें धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा निहित थी जो संविधान के भाग-3 में वर्णित मौलिक अधिकारों में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार (अनुच्छेद-25 से 28)से...
    भारतीय संविधान में पुन: धर्मनिरपेक्षता को परिभाषित करते हुए 42 वें संविधान संशोधन अधिनयम, 1976द्वारा इसकी प्रस्तावना में ‘पंथ निरपेक्षता’शब्द को जोड़ा गया।
    यहाँ पंथनिरपेक्षता का अर्थ है कि भारत सरकार धर्म के मामले में तटस्थ रहेगी। उसका अपना कोई धार्मिक पंथ नही होगा तथा देश में सभी नागरिकों को अपनी इच्छा के अनुसार धार्मिक उपासना का अधिकार होगा। भारत सर...
    पंथनिरपेक्ष राज्य धर्म के आधार पर किसी नागरिक से भेदभाव न कर प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान व्यवहार करता है।

    भारतीय धर्मनिरपेक्षता अपने आप में एक अनूठी अवधारणा है जिसे भारतीय संस्कृति की विशेष आवश्यकताओं और विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए अपनाया गया है। इसके महत्त्व को निम्न बिंदुओं के अंतर्गत समझा जा सकत...

    धर्मनिरपेक्षता की भावना एक उदार एवं व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है जो ‘सर्वधर्म समभाव’की भावना से परिचालित है।
    धर्मनिरपेक्षता सभी को एकता के सूत्र में बाँधने का कार्य करती है।
    इसमें किसी भी समुदाय का अन्य समुदायों पर वर्चस्व स्थापित नहीं होता है।
    यह लोकतांत्रिक व्यवस्था को मज़बूती प्रदान करती है तथा धर्म को राजनीति से पृथक करने का कार्य करती है।
    भारतीय परिप्रेक्ष्य में धर्मनिरपेक्षता को लेकर आरोप लगाया जाता है कि यह पश्चिम से आयातित है। अर्थात् इसकी जड़े/उत्पत्ति ईसाइयत में खोजी जाती हैं।
    धर्मनिरपेक्षता पर धर्म विरोधी होने का आक्षेप भी लगाया जाता है जो लोगों की धार्मिक पहचान के लिये खतरा उत्पन्न करती है।
    भारतीय संदर्भ में धर्मनिरपेक्षता पर आरोप लगाया जाता है कि राज्य बहुसंख्यकों से प्रभावित होकर अल्पसंख्यकों के मामले में हस्तक्षेप करता है जो अल्पसंख्यकोंं के मन में यह शंका उत्पन्न करता है कि राज्य...
    धर्मनिरपेक्षता को कभी-कभी अति उत्पीड़नकारी रूप में भी देखा जाता है जो समुदायों/व्यक्तियों की धार्मिक स्वतंत्रता में अत्यधिक हस्तक्षेप करती है।

    कभी-कभी यह कहा जाता है कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता की नकल भर है। लेकिन संविधान को ध्यान से पढ़ने से पता चलता है कि ऐसा नहीं है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता से ब...

    कुछ आलोचकों का तर्क है कि धर्म निरपेक्षता धर्म विरोधी है, लेकिन भारतीय धर्म निरपेक्षता धर्म विरोधी नहीं है। इसमें सभी धर्मों को उचित सम्मान दिया गया है। उल्लेखनीय है कि धर्म निरपेक्षता संस्थाबद्ध ध...
    धर्म निरपेक्षता के विषय में यह भी कहा जाता है कि यह पश्चिम से आयातित है, अर्थात इसाईयत से प्रेरित है, लेकिन यह सही आलोचना नहीं है। दरअसल भारत में धर्मनिरपेक्षता को प्राचीन काल से ही अपनी एक विशिष्ट...
    यह आरोप लगाया जाता है कि भारत में धर्मनिरपेक्षता राज्य द्वारा संचालित होती है। अल्पसंख्यकों को शिकायत है कि राज्य को धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये। उल्लेखनीय है कि तीन तलाक के मसले...
    धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाती कुछ घटनाएँ भी इसके समक्ष चुनौती पेश करती रही हैं जैसे 1984 के दंगे, बाबरी मस्जिद का ध्वंस, वर्ष 1992-93 के मुंबई दंगे, गोधरा कांड और वर्ष 2003 के गुजरात दंगे, गौहत्या र...
    चूँकि धर्मनिरपेक्षता संविधान के मूल ढाँचे का अभिन्न अंग है अत:सरकारों को चाहिये कि वे इसका संरक्षण सुनिश्चित करें।
    एस.आर.बोम्मई बनाम भारत गणराज्य मामले में वर्ष 1994 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय दिया गया कि अगर धर्म को राजनीति से अलग नहीं किया गया तो सत्ताधारी दल का धर्म ही देश का धर्म बन जाएगा। अत: राजन...
    यूनिफार्म सिविल कोड यानी एक समान नागरिक संहिता जो धर्मनिरपेक्षता के समक्ष चुनौती प्रस्तुत करती है, को मज़बूती से लागू करने की आवश्यकता है।
    किसी भी धर्मनिरपेक्ष राज्य में धर्म विशुद्ध रूप से व्यक्तिगत मामला है। अत: जनप्रतिनिधियों को चाहिये कि वे इसका प्रयोग वोट बैंक के रूप में करने से बचें।
    सरकार को चाहिये कि वह इसका सरंक्षण सुनिश्चित करे चूँकि धर्मनिरपेक्षता को न्यायालय द्वारा संविधान के मूल ढाँचे का हिस्सा मान लिया गया है।
    धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक जनादेश का पालन सुनिश्चित करने के लिये एक आयोग का गठन भी किया जाना चाहिये।
    जनप्रतिनिधियों को ध्यान में रखना चाहिये कि एक धर्मनिरपेक्ष राज्य में धर्म एक विशुद्ध रूप से व्यक्तिगत और निजी मामला होता है। अंत उसे वोट बैंक के लिये राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिये। साथ ही...
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  3. Jul 28, 2024 · कक्षा 11 समाज शास्त्र समाज में सामाजिक संरचना, स्तरीकरण और सामाजिक प्रक्रियाएँ नोट्स को यहा publish कर दिया गया है। यहा इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके साथ समाज में सामाजिक संरचना, स्तरीकरण और सामाजिक प्रक्रियाएँ (Social Structure, Stratification and Process in Society) के नोट्स के pdf शेयर करेंगे। समाज में सामाजिक संरचना, स्तरीकरण और सामाजिक प्...

  4. समाज व्यक्ति के सामूहिक, संगठित और सुरक्षात्मक प्रवृत्ति का परिणाम है। समाज में रहकर ही किसी व्यक्ति की सम्पूर्ण शक्तियों का विकास हो सकता है, क्योंकि समाज में व्यवस्था है, और समाज अपने नागरिकों की चतुर्दिक उन्नति हेतु प्रयास भी करता है। समाज के लिए आंग्ल भाषा में ‘Society’ शब्द का प्रयोग किया जाता है जिसका अर्थ मनुष्यों के समूह से है व्यक्तियों...

  5. Jul 15, 2020 · ये मूल्य ऐसे आदर्श या मानक होते हैं जो किसी समाज या संगठन या फिर व्यक्ति के लिये दिशा-निर्देश के रूप में कार्य करते हैं।

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